नईदिल्ली। जुलाई में शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है, जिसको लेकर खुफिया एजेंसियां और सुरक्षा बल सतर्क हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पिछले सप्ताह अलर्ट जारी करके अमरनाथ यात्रा के दौरान संभावित आतंकी हमले की योजना की चेतावनी दी थी।
अब खबर मिली है कि अलर्ट में विशेष तौर पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का नाम लिया गया है, जिसने पहलगाम हमला किया था।
केंद्रीय एजेंसियां इस बात को लेकर चिंतित हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाने वाले पाकिस्तानी आतंकी अभी फरार हैं, ऐसे में वे ही हमले की योजना बना सकते हैं।
आतंकियों के पीर जंजाल के जंगल में छिपे होने की संभावना है और पहलगाम वह मुख्य मार्ग है, जो अमरनाथ की पवित्र गुफा तक ले जाता है।
इस मार्ग का प्रतिदिन 15,000 लोग उपयोग करेंगे। ऐसे में यहां सुरक्षा बल रणनीतिक रूप से तैनात हैं।
अमरनाथ यात्रा को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। पहली बार क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है और तीर्थयात्रियों की हेलीकॉप्टर सेवा भी निलंबित की गई है।
पूरे इलाके को छोटे-छोटे सुरक्षा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और अलग-अलग एजेंसियों को तैनात किया गया है।
इस हफ्ते केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक, इंटेलिजेंस ब्यूरो के शीर्ष अधिकारी सुरक्षा तैयारियों की जमीनी स्तर पर समीक्षा कर चुके हैं।
पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को 4 पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 पुरुष पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मार दी थी। कुछ पर्यटक शादी के बाद पहली बार हनीमून के लिए पहुंचे थे।
घटना के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।
इसके बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया और दोनों तरफ से मिसाइल-ड्रोन हमले हुए। 10 मई को पाकिस्तान युद्धविराम के लिए आगे आया।
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