नई दिल्ली । पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने देश का पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत बनाने के लिए नॉर्वे के कोंग्सबर्ग के साथ समझौता किया है। कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और नॉर्वे के कोंग्सबर्ग के बीच मंगलवार को कोलकाता में इस आशय के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गये। समझौते के तहत भारत के लिए स्वदेशी रूप से अपना पहला धु्वीय अनुसंधान पोत बनाने का काम आसान हो सकेगा।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को इस अवसर पर कहा कि वैज्ञानिक उन्नति और सतत विकास के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाने वाला यह समझौता ज्ञापन देश में आशा और प्रगति का अहम प्रतीक बनेगा। उनका कहना था कि इस समझौते से देश केवल एक पोत का निर्माण नहीं कर रहा है बल्कि एक विरासत का निर्माण किया जा रहा है और इसमें नवाचार, अन्वेषण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।