गौवंश तस्करी केवल एक अपराध नहीं, बल्कि संगठित अपराध है-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
रायपुर । उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में गौवंश तस्करी जैसे गंभीर अपराध पर सख्ती से रोक लगाने के लिए सभी जिलों के नोडल अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक ली। बैठक में उपमुख्यमंत्री ने जिलेवार समीक्षा की और 15 जुलाई 2024 को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत अब तक की गई कार्रवाइयों की समीक्षा की और भविष्य में अधिक प्रभावी रणनीति लागू करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री मनोज पिंगुवा, सचिव श्रीमती नेहा चम्पावत, सचिव श्री हिमशिखर गुप्ता, आईजी सीआईडी श्री ध्रुव गुप्ता के अलावा जिला स्तरीय नोडल अधिकारी और पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि नोडल अधिकारियों को न केवल एसओपी की पूरी जानकारी होनी चाहिए, बल्कि इस पर ठोस कार्रवाई के प्रमाण भी प्रस्तुत करने होंगे। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जोर देकर कहा कि इस एक्ट को पुलिस को एक प्रभावी हथियार के रूप में उपयोग करना चाहिए ताकि कार्रवाई में तेजी लाई जा सके। उन्होंने फील्ड अधिकारियों से इस एक्ट में आवश्यक संशोधनों या नए प्रावधानों के लिए सुझाव मांगे ताकि आवश्यक सुधार किया जा सके। उन्होंने गौसेवा और एनसीसी जैसे क्षेत्रों से जुड़े युवाओं को चिन्हांकित करने और इस कार्य मे सहयोगात्मक शामिल करने का सुझाव दिया। इसके लिए पास जारी कर पुलिस और युवाओं के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने पर बल दिया। साथ ही निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले युवाओं और गौसेवकों को सूचीबद्ध कर उनका मनोबल बढ़ाने के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने गौवंश तस्करी में उपयोग होने वाले वाहनों के खिलाफ राजसात की कार्रवाई को तेज करने और नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी रूप से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि कितने वाहनों की राजसात हुयु, नीलामी हुई, कितने मामलों में कार्रवाई नहीं हुई और क्या कलेक्टर स्तर पर उचित प्रक्रिया अपनाई गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगली बैठक में प्रत्येक जिले को राजसात, नीलामी, दर्ज किए गए केस और सफेमा व रासुका जैसी धाराओं के तहत की गई कार्रवाइयों का पूरा ब्यौरा देना होगा।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने गौवंश तस्करी को केवल एक अपराध नहीं, बल्कि संगठित अपराध है। उन्होंने गौसेवकों से प्राप्त सूचनाओं, चाहे वे व्हाट्सएप ग्रुप या व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से आएं, को गंभीरता से लेने और टेक्नोलॉजी का उपयोग कर एक सतर्क तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए।उन्होंने यह भी बताया कि कई बार नेशनल हाईवे पर बैरिकेडिंग अपर्याप्त साबित होती है, क्योंकि तस्कर गौवंश को वाहनों से उतारकर पैदल मार्गों से ले जाते हैं। इसलिए पूरी सप्लाई चेन को समझकर कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उपमुख्यमंत्री ने गौवंश तस्करी को केवल कठोर और संगठित कार्रवाई से ही रोका जा सकता है।