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आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर अप्रैल में 0.5 प्रतिशत रही

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली  । देश के आठ मुख्य उद्योगों के संयुक्त सूचकांक में अप्रैल में सालाना आधार पर 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए डेटा में यह जानकारी दी गई।
आधिकारिक बयान के अनुसार, इस वर्ष अप्रैल में इस्पात, सीमेंट, कोयला, बिजली और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
आठ प्रमुख उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है और यह समग्र औद्योगिक विकास का इंडिकेटर है।
सूचकांक में लगभग 18 प्रतिशत का भार रखने वाले इस्पात का उत्पादन अप्रैल, 2025 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 3 प्रतिशत बढ़ा है। अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.9 प्रतिशत बढ़ा है।
अप्रैल के दौरान सीमेंट उत्पादन में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.3 प्रतिशत बढ़ा है।
इस्पात और सीमेंट दोनों क्षेत्रों ने मजबूत वृद्धि दिखाई है क्योंकि राजमार्ग, रेलवे, बंदरगाह और हवाई अड्डों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सरकार के बड़े निवेश ने इन उत्पादों की मांग को बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, निर्माण उद्योग में भी तेजी आई है।
सूचकांक में लगभग 20 प्रतिशत भार रखने वाली बिजली के उत्पादन में अप्रैल, 2025 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.2 प्रतिशत बढ़ा।
अप्रैल 2025 में कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.5 प्रतिशत बढ़ा, जबकि अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान इसकी संचयी वृद्धि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.1 प्रतिशत रही।
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष अप्रैल में प्राकृतिक गैस उत्पादन में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, ओएनजीसी के पुराने तेल क्षेत्रों के कारण अप्रैल 2024 की तुलना में इस महीने के दौरान कच्चे तेल के उत्पादन में 2.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
अप्रैल, 2025 में पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.5 प्रतिशत घटा। अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.8 प्रतिशत बढ़ा।
अप्रैल 2025 में उर्वरक उत्पादन में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 4.2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.9 प्रतिशत बढ़ा।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान मुख्य सेक्टर की संचयी वृद्धि दर अब पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.5 प्रतिशत है।

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