नियंत्रण रेखा (एलओसी) या अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किए बिना, भारतीय सेना ने आतंकवादी ढांचे पर हमला किया और कई खतरों को खत्म कर दिया। हालांकि, सामरिक प्रतिभा से परे, जो बात सबसे अलग थी, वह थी राष्ट्रीय रक्षा में स्वदेशी हाई-टेक प्रणालियों का निर्बाध एकीकरण।
रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर भारत सरकार पूरक बजट के माध्यम से रक्षा क्षेत्र को अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये आवंटित कर सकती है। इससे वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल रक्षा व्यय 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा, जो भारत की सैन्य तैयारियों और आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को पर्याप्त मजबूती प्रदान करेगा। 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले ने इस बदलाव की एक गंभीर याद दिलाई। भारत की प्रतिक्रिया जानबूझकर, सटीक और रणनीतिक थी।

नियंत्रण रेखा (एलओसी) या अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किए बिना, भारतीय सेना ने आतंकवादी ढांचे पर हमला किया और कई खतरों को खत्म कर दिया। हालांकि, सामरिक प्रतिभा से परे, जो बात सबसे अलग थी, वह थी राष्ट्रीय रक्षा में स्वदेशी हाई-टेक प्रणालियों का निर्बाध एकीकरण। चाहे ड्रोन युद्ध हो, लेयर्ड एयर डिफेंस हो या इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, ऑपरेशन सिंदूर सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी में घोषित 6.81 लाख करोड़ रुपये का रक्षा आवंटन पहले से ही रिकॉर्ड उच्च था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने विशेष रूप से अनुसंधान, हथियारों की खरीद और वायु रक्षा उन्नयन के लिए बढ़े हुए वित्तपोषण की मांग को बढ़ावा दिया है। संसद के आगामी सत्र में पूरक निधियों को पेश किए जाने की उम्मीद है। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर भारत के हवाई हमलों के बाद पाकिस्तान के साथ 100 घंटे तक चली मुठभेड़ ने भारत की सैन्य तालमेल के रणनीतिक प्रभाव को उजागर किया।