महासमुंद । शासन की योजनाओं की वास्तविक सफलता तभी मानी जाती है जब उनकी पहुंच और क्रियान्वयन समाज के सबसे निचले तबके तक सुनिश्चित हो। प्रदेश में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों में से एक कमार जनजाति भी है, जिसमें अभी भी शिक्षा और जागरूकता का अभाव है। अपनी लोक संस्कृति और पारंपरिक विरासत एवं मूल्यों के साथ जीवन-यापन करने वाली यह जनजाति कई मायनों में आज भी पिछड़ी हुई है।

ऐसे ही एक गाँव धनसुली में कमार जनजाति की बहुलता है, लेकिन शासन की योजनाओं का लाभ लेने के मामले में इनकी बात औरों से जुदा है। मगर अब प्रधानमंत्री जनमन योजना इस जनजाति के जीवन में एक नई रोशनी लेकर आई है। धीरे-धीरे बदलाव की यह लहर उनके जीवन के हर पहलू को छू रही है, जिससे न केवल उनका जीवन स्तर ऊँचा उठ रहा है, बल्कि वे आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ा रहे हैं।
महासमुंद जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम धनसुली के कमार बस्ती में निवासरत कमार जनजाति के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना अंतर्गत एकमुश्त लाभ मिला है। आज कमार बस्ती में निवासरत 15 से अधिक परिवारों में सारे घर पीएम आवास योजना के अंतर्गत बने हैं। एक तरह से यह बस्ती आवास योजना का गवाह बन चुका है जहाँ सारे घर आवास योजना के माध्यम से बने हुए हैं। इनमें से लगभग सभी घर पूर्णतः बनकर तैयार हो चुके हैं, बस कुछ एक घर बच गए हैं जिनमें रंग रोगन का कार्य शेष है।