Home » यूआईडीएआई, आईआईआईटी-एच ने शुरू किया बायोमेट्रिक चैलेंज, 7.7 लाख रुपये का दिया जाएगा पुरस्कार

यूआईडीएआई, आईआईआईटी-एच ने शुरू किया बायोमेट्रिक चैलेंज, 7.7 लाख रुपये का दिया जाएगा पुरस्कार

by admin

नई दिल्ली । इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने कहा कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आईआईआईटी-हैदराबाद के साथ मिलकर बायोमेट्रिक एल्गोरिदम में फिंगरप्रिंट-बेस्ड ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन को टेस्ट करने के लिए बड़े पैमाने पर एक प्रतियोगिता शुरू की है।
इस प्रतियोगिता में ग्लोबल रिसर्चर्स और डेवलपर्स को वास्तविक दुनिया से जुड़ी स्थितियों में सटीक सुधार के लिए यूआईडीएआई के यूनिक फिल्ड-कलेक्टेड डेटासेट का इस्तेमाल कर उनके बायोमेट्रिक मॉडल को बेहतर बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है।
बायोमेट्रिक एसडीके बेंचमार्किंग चुनौती का पहला चरण फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन से जुड़ा है। इसमें 5-10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए 1:1 मिलान एल्गोरिदम का टेस्ट करने की बात कही गई है, जिसमें 5-10 वर्ष के बाद अपडेट किए जाएंगे।
इस प्रतियोगिता से प्रतिभागियों को अपने एल्गोरिदम के प्रदर्शन को समझने में मदद मिलेगी – जिसका मूल्यांकन एक सुरक्षित यूआईडीएआई सैंडबॉक्स के भीतर एक बड़े बायोमेट्रिक डेटासेट के आधार पर किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा, यूआईडीएआई यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सबमिशन का सुरक्षित तरीके से मूल्यांकन किया जाए, जिसमें डेटासेट को छुपा रखा जाए और प्रतिभागियों के साथ डेटा साझा न किया जाए।
मंत्रालय ने आगे कहा, इस चुनौती में 7.7 लाख रुपये (9,000 डॉलर) का पुरस्कार दिया जा रहा है। साथ ही बायोमेट्रिक तकनीकों को आगे बढ़ाने में यूआईडीएआई के साथ सहयोग करने का अवसर दिया जाएगा।
25 मार्च से शुरू हुई यह प्रतियोगिता 25 मई तक चलेगी। इसमें भाग लेने के इच्छुक लोग यूआईडीएआई की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि फिंगरप्रिंट चुनौती के बाद, यूआईडीएआई आईरिस और फेस ऑथेंटिकेशन के लिए एसडीके बेंचमार्किंग प्रतियोगिता भी शुरू करेगा।
यूआईडीएआई ने कहा, यूआईडीएआई और आईआईआईटी-एच द्वारा आयोजित एसडीके बेंचमार्किंग प्रतियोगिता बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और ऑथेंटिकेशन एसडीके की प्रभावशीलता का आकलन करती है।
यूआईडीएआई ने आगे कहा, यह रिसर्चर्स और इंडस्ट्री लीडर्स को अपने एसडीके की कम्प्यूटेशनल पावर और एफिशिएंसी का मूल्यांकन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
आधार, भारत में सुशासन और डिजिटल समावेशन (डिजिटल इंक्लूजन) के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में काम करता है। आधार संख्या धारक विभिन्न सेवाओं और लाभों का लाभ उठाने के लिए प्रतिदिन लगभग 90 मिलियन ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन करते हैं।
00

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More