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विवेकानंद आश्रम में पढ़ने वाले युवा समाज के विकास में योगदान दें : अरुण साव

by Bhupendra Sahu

नारायणपुर । उप मुख्यमंत्री अरूण साव और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप 12 जनवरी को रामकृष्ण मिशन आश्रम में आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद कर रही है। युवाओं को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए जिले के अंदरूणी क्षेत्रों में स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण मिशन आश्रम संचालित की जा रही है, जिसमें नारायणपुर जिले के युवाओं को शिक्षा के साथ साथ सांस्कृति, सामाजिक उत्थान के लिए कार्य किये जा रहे है।

उन्होेंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था। स्वामी विवेकानंद ने कुशाग्रबुद्धि के साथ समाज को अच्छी सभ्यता का विकास करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने भारत की सांस्कृति, मान सम्मान के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 09 सितम्बर 1893 में शिकागो के धर्म सभा में जो उपदेश दिये वह अस्मरणीय है। स्वामी विवेकानंद के आश्रमों में विभिन्न प्रकार के गतिविधियां करते हुए समाज के उत्थान के लिए कार्य किये जा रहे हैं जो प्रासांगिक एवं ऐतिहासिक है। बच्चों को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर और कलात्मक दृष्टि से प्रशिक्षण दिये जा रहे है, जिससे उनके जीवन में समृद्धि आयेगी। उन्होेंने कहा कि जो बच्चें थोड़ी सी असफलता के कारण निराश होकर दूसरे रास्ते में चले जाते हैं वे हमेशा असफल होते हैं। मनुष्य को कभी निराश होने की आवश्कता नहीं है, उन्हें उर्जावान, साहस और आत्म विश्वास और भयमुक्त होकर आगे बढ़ना चाहिए, जिससें जीवन में सुखमय एवं समृद्धि प्राप्त होगी।

वन मंत्री कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि युवा स्वामी विवेकानंद जी के जीवन को अनुसरण कर अपने जीवन को विकसित और सफल बनाएं। उन्होंने राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं को आग्रह करते हुए कहा कि परिश्रम ही अच्छे जीवन को प्राप्त करने के लिए एक साथन है। स्वामी विवेकानंद जी के जीवन परिचय के बारे में जानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के द्वारा जीवन में दिये गये उपदेशों को अनुसरण कर जीवन में सफलता प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि मनुष्य कुम्हार के चाक के अनुसार होते हैं। बचपन में बच्चों को जैसे आकृति देंगे उसी प्रकार उसी रास्ते में आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। उन्होंने भगवान बिरसा मुण्डा और स्वतंत्रता सेनानियों का भी जिक्र करते हुए उनके बताए हुए मार्गों में चलकर समाज को आगे बढ़ाने के लिए आग्रह किया। मनुष्य को देश और मातृभूमि के प्रति अपने दिल में एक सम्मान की भावना जागृत होनी चाहिए।

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