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भारत का कप्तान बनना आसान नहीं, युवाओं को करनी होगी कड़ी मेहनत : रोहित शर्मा

by Bhupendra Sahu

सिडनी । भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट मैच में कप्तान रोहित शर्मा को आराम दिया गया है। उनकी जगह इस टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह कप्तानी कर रहे हैं। इसी बीच रोहित शर्मा ने कहा कि भारतीय टीम का नेतृत्व करने के लिए टीम में शामिल नए खिलाडिय़ों को कड़ी मेहनत करनी होगी।
रोहित शर्मा बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। उनकी बल्लेबाजी में वह धार नहीं दिखाई दे रही है जैसी उनसे अपेक्षा की जाती है। सीरीज में रोहित शर्मा की बल्लेबाजी पर सवाल भी उठ रहे हैं।
इस बीच अंतिम टेस्ट मैच में रोहित शर्मा को आराम दिया गया है। रोहित ने लंच ब्रेक के दौरान ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत में एक सवाल के जवाब में कहा, यह कहना बहुत मुश्किल है। बहुत से लड़के हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि वे पहले क्रिकेट के महत्व को समझें और इस जगह के महत्व को भी समझें। वे नए लड़के हैं, और मुझे पता है कि उन्हें जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। लेकिन उन्हें इसे कमाना होगा। जैसे, मैं अब यहां हूं। बुमराह यहां हैं। विराट (कोहली) उनसे पहले यहां थे। एमएस धोनी उनसे पहले यहां थे। हर किसी ने इसे कमाया है। किसी को भी यह थाली में परोस कर नहीं मिला है, और किसी को भी इसे ऐसे ही नहीं मिलना चाहिए। उन्हें कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, लड़कों में बहुत प्रतिभा है। लेकिन साथ ही मैं यह भी कहना चाहता हूं कि भारत का कप्तान बनना आसान नहीं है। दबाव तो है, लेकिन यह बहुत बड़ा सम्मान है। हमारा इतिहास और जिस तरह से हम क्रिकेट खेलते हैं, उसमें दोनों के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसलिए उन्हें इसे हासिल करने दें।
बुमराह की कप्तानी पर रोहित शर्मा ने कहा, बेशक, उनके पास खेल के बारे में बहुत सारे विचार हैं। जिस तरह से वह दूसरों के लिए अपनी गेंदबाजी का उदाहरण पेश करते हैं, वह बेहतरीन है। उनमें वह बेहतरीन क्षमता है, वह खेल को समझते हैं और हमेशा टीम को आगे रखते हैं। मैं पिछले 11 सालों से उन्हें देख रहा हूं। मैंने उन्हें पहली बार 2013 में देखा था। उनका ग्राफ भी ऊपर गया है। उन्होंने अपने खेल, अपनी सोच में बहुत विकास किया है। जिस तरह से वह गेंदबाजी कर रहे हैं, उसे पूरी दुनिया देख रही है।
भारत के कप्तान के तौर पर क्या सीखने को मिला, इस सवाल के जवाब में रोहित ने बताया कि नेतृत्व में, आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपके पास हर दिन अच्छे नहीं होंगे। साथ ही, आप तीन महीने में जो करते हैं वह अचानक खराब नहीं हो जाता। विचार और मानसिकता हमेशा एक जैसी होती है – मैं पांच/छह/आठ महीने पहले जिस तरह की कप्तानी कर रहा था, अभी भी वही मानसिकता, विचारधारा, विचार प्रक्रिया है। लेकिन जब कभी-कभी परिणाम नहीं आता है, तो आलोचना होती है। हम भारत में रहते हैं, जहां 140 करोड़ लोग हमें जज करेंगे। यह ठीक है, जैसा है वैसा ही है। लेकिन कप्तानी को लेकर मेरे पास जो तरीके और विचारधारा है, उसे मैं बदलना नहीं चाहता।
रोहित ने कहा कि टीम के लिए कोई भी हारना नहीं चाहता है। हर किसी की मानसिकता टीम के लिए मैच जीतने की होती है। हम जानते हैं कि हम यह सीरीज नहीं जीत सकते, लेकिन हमारे पास इसे बराबर करने और उन्हें जीतने नहीं देने का सुनहरा मौका है।
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