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आईडीएफसी फर्स्ट और हुरुन इंडिया की तरफ से इंडियाज़ टॉप 200 सेल्फ-मेड आंत्रप्रेन्योर्स ऑफ द मिलेनिया 2024 की सूची जारी

by Bhupendra Sahu

मुंबई । आईडीएफसी फर्स्ट प्राइवेट बैंकिंग और हुरुन इंडिया ने आईडीएफसी फर्स्ट प्राइवेट एंड हुरुन इंडियाज़ टॉप 200 सेल्फ-मेड आंत्रप्रेन्योर्स ऑफ द मिलेनिया 2024 का दूसरा संस्करण जारी किया है। यह सूची 200 सबसे मूल्यवान भारतीय कंपनियों की है, जिनकी स्थापना वर्ष 2000 के बाद हुई है।
इन कंपनियों की रैंकिंग उनके मूल्यांकन के आधार पर की गई है, जिसमें सूचीबद्ध कंपनियों के लिए बाजार पूँजीकरण और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के लिए मूल्यांकन शामिल हैं। सूची को पूरा करने की आखिरी तारीख 25 सितंबर, 2024 थी। इस सूची में सिर्फ भारत में मुख्यालय वाली कंपनियों को ही शामिल किया गया है, यानि इसमें राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियाँ और विदेशी कंपनियों की सहायक कंपनियाँ शामिल नहीं हैं। इस सूची में सभी कंपनियों का कुल मूल्य 36 लाख करोड़ रुपए है।
इंडियाज़ टॉप 200 सेल्फ-मेड आंत्रप्रेन्योर्स ऑफ द मिलेनिया 2024 में देशभर के 46 शहरों के उद्यमियों को शामिल किया गया है। बेंगलुरु इस सूची में 98 उद्यमियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद मुंबई में 73 और नई दिल्ली में 51 उद्यमी शामिल हैं। ये तीनों शहर सूची में शामिल उद्यमियों का आधे से अधिक हिस्सा बनाते हैं। सूची में वित्तीय सेवाओं की 50 कंपनियों का प्रभुत्व है, जबकि स्वास्थ्य सेवा और खुदरा क्षेत्र में 25-25 कंपनियाँ शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि सूची की 94त्न यानी 188 कंपनियों में बाहरी निवेशक शामिल हैं, जबकि बाकी बूटस्ट्रैप्ड हैं। विकास शर्मा, हेड- वेल्थ मैनेजमेंट एंड प्राइवेट बैंकिंग, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, ने कहा, हमें आईडीएफसी फर्स्ट प्राइवेट एंड हुरुन इंडियाज़ 200 सेल्फ-मेड आंत्रप्रेन्योर्स ऑफ द मिलेनिया 2024 का दूसरा संस्करण जारी करने पर गर्व है। यह रिपोर्ट उन दूरदर्शी उद्यमियों की अविश्वसनीय यात्राओं को उजागर करती है, जो भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं। ये बिजऩेस लीडर्स की दृढ़ता, नवाचार और उत्कृष्टता की निरंतर खोज का प्रतीक हैं।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में हम इस मूल्य को प्रखर रखते हैं। इस प्रकाशन के माध्यम से, हम उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ ही उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहरा रहे हैं, जो भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है। इन अग्रणियों की पहचान को उजागर करना और उनकी सफलता तथा नेतृत्व को दुनिया के साथ साझा करना हमारे लिए सम्मान की बात है।
अनस रहमान जुनैद, एमडी और चीफ रिसर्चर, हुरुन इंडिया, ने कहा, आईडीएफसी फर्स्ट प्राइवेट एंड हुरुन इंडियाज़ टॉप 200 सेल्फ-मेड आंत्रप्रेन्योर्स ऑफ द मिलेनिया 2024 रिपोर्ट सेल्फ-मेड उद्यमियों के भारत की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाती है। इनका कुल व्यावसायिक मूल्य 431 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो भारत के 200 सबसे मूल्यवान पारिवारिक व्यवसायों के मूल्य के एक चौथाई के बराबर है।
हालाँकि, इन व्यवसायों की स्थापना पिछले 24 वर्षों में हुई है, जबकि पारिवारिक व्यवसायों की औसत आयु 69 वर्ष है। चार कंपनियाँ जो 2020 के बाद स्थापित हुईं, अब सामूहिक रूप से 69,400 करोड़ रुपए के मूल्य वाली हैं। ये उद्यमी विकास को प्रोत्साहित कर रहे हैं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं। इस वर्ष कर्मचारी लाभ 49,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 54,000 करोड़ रुपए हो गया है, जो लोगों में उनके निवेश को दर्शाता है।

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