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मनखे-मनखे एक समान के सिद्धांत से सम्भव है समाज में समरसता – खाद्य मंत्री बघेल

by Bhupendra Sahu

बेमेतरा । जिले के विकासखण्ड नवा गढ़ के *ग्राम पंचायत दर्री में परम पूज्य गुरु घासीदास बाबाजी की स्मृति में सर्वजन हितार्थ एवं अस्पृश्यता निवारणार्थ सद्भावना शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर का उद्देश्य समाज में समानता, सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देना था। सर्वसमाज के साथ सामूहिक भोज में मंत्री और अतिथियों ने साथ में भोजन किया।

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने मुख्य अतिथि की आसंदी से उद्बोधन में गुरु घासीदास जी द्वारा किए गए जनकल्याणकारी कार्यों को स्मरण किया और उनके समाज सुधार के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास जी ने समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव, अस्पृश्यता, और अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। उन्होंने समानता, सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित समाज की स्थापना का संदेश दिया, जो आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने परम पूज्य गुरु घासीदास बाबाजी के आदर्शों और शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए समाज में समानता, भाईचारा और सद्भाव को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास ने हमेशा जातिगत भेदभाव, अस्पृश्यता और अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और एक ऐसे समाज का सपना देखा जहां सभी लोग समान हों और सभी के साथ न्याय हो। उन्होंने शिविर में पंथी पार्टी को धन्यवाद दिया और उनकी सराहना की, क्योंकि पंथी पार्टी ने गुरु घासीदास बाबाजी के आदर्शों और गुणों को देश-विदेश तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

समरसता शिविर में अपने संबोधन के दौरान खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने गुरु घासीदास जी के प्रसिद्ध सिद्धांत “मनखे-मनखे एक समान” का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह महान संदेश हर इंसान की समानता और मानवता को सबसे ऊपर रखने का प्रतीक है। मंत्री ने समझाया कि गुरु घासीदास जी ने समाज में फैले जातिगत भेदभाव, ऊँच-नीच, और असमानता के खिलाफ जीवनभर संघर्ष किया और उन्होंने यह संदेश दिया कि हर व्यक्ति, चाहे उसकी जाति, धर्म, या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो, एक समान है।

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