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अदाणी पोर्ट्स ने मई में कार्गो हैंडलिंग का नया रिकॉर्ड बनाया

by Bhupendra Sahu

अहमदाबाद। मई का महीना देश के लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए ऐतिहासिक रहा है। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने वैश्विक मानकों पर देश की क्षमता को प्रदर्शित करते हुए 4.18 करोड़ टन कार्गो हैंडलिंग का नया बेंचमार्क स्थापित किया, जो कंपनी के लिए सर्वकालिक रिकॉर्ड है।
पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि केवल एक आंकड़ा नहीं है – यह देश में तेजी से विकसित हो रहे आर्थिक ढांचे और बुनियादी ढांचे के विकास की मजबूत नींव का प्रमाण है।
अदाणी पोर्ट्स के शानदार प्रदर्शन के मुख्य चालक कंटेनर ट्रैफिक (साल-दर-साल आधार पर 22 प्रतिशत की वृद्धि) और ड्राई कार्गो (साल-दर-साल 17 प्रतिशत की वृद्धि) थे।
वैश्विक बंदरगाह कंपनियां जब मंदी और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से जूझ रही हैं, एपीएसईजेड ने न केवल स्थिरता बनाए रखी है, बल्कि तेजी से विस्तार भी किया है।
कंपनी ने इस साल मई तक कुल 7.93 करोड़ टन कार्गो हैंडलिंग की है, जो साल-दर-साल 10 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। कंटेनर हैंडलिंग में 21 प्रतिशत की वृद्धि एपीएसईजेड की परिचालन दक्षता और तकनीकी उन्नयन को उजागर करती है।
मई में अदाणी लॉजिस्टिक्स ने 0.6 लाख टीईयू रेल वॉल्यूम (साल-दर-साल 13 प्रतिशत की वृद्धि) और 20.1 लाख टन जीपीडब्ल्यूआईएस (जेनरल पर्पस वैगन इंवेस्टमेंट स्कीम) वॉल्यूम (साल-दर-साल चार प्रतिशत की वृद्धि) दर्ज किया।
इस साल अब तक रेल वॉल्यूम 1.2 लाख टीईयू (साल-दर-साल आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि) और जीपीडब्ल्यूआईएस वॉल्यूम 38 लाख टन रहा। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर कंपनी का रणनीतिक फोकस ठोस परिणाम दिखाने लगा है।
देश के अन्य प्रमुख बंदरगाहों जैसे कि जेएनपीटी और पारादीप पोर्ट – ने मई में क्रमश: लगभग सात प्रतिशत और नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वहीं, एपीएसईजेड ने 17 प्रतिशत की छलांग के साथ बढ़त हासिल की, जो प्रतिस्पर्धा पर अपनी बढ़त का संकेत देता है।
अदाणी पोर्ट्स न केवल देश का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह संचालक है; यह देश की वैश्विक व्यापार रणनीति का एक स्तंभ भी बन रहा है। एपीएसईजेड की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होने वाली है। मल्टीमॉडल हब, स्मार्ट पोर्ट, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए कंपनी लॉजिस्टिक्स के भविष्य को आकार दे रही है।
मई के आंकड़े देश के लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हो रहे बदलावों की झलक दिखाते हैं। अदाणी पोर्ट्स ने यह साबित कर दिया है कि जब रणनीति, निवेश और इनोवेशन एक साथ काम करते हैं, तो भारत न केवल आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में नेतृत्व की भूमिका भी निभा सकता है।
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