Home » चालू वित्त वर्ष में रेलवे की माल ढुलाई बढ़कर 1,465 मीट्रिक टन हुई

चालू वित्त वर्ष में रेलवे की माल ढुलाई बढ़कर 1,465 मीट्रिक टन हुई

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 के 11 महीनों में अब तक 1,465.371 मीट्रिक टन (एमटी) माल ढुलाई की है, जो वित्त वर्ष 2023-24 के पूरे 12 महीनों में 1,443.166 मीट्रिक टन से अधिक है। यह जानकारी रेल मंत्रालय द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों से मिली है।
भारतीय रेलवे ने 2027 तक 3,000 एमटी माल ढुलाई का लक्ष्य रखा है।
मंत्रालय ने कहा, भारतीय रेलवे 3,000 मीट्रिक टन माल ढुलाई के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है, वित्त वर्ष 2024-25 में 2 मार्च तक 1,465.371 मीट्रिक टन माल ढुलाई दर्ज हुई है। माल ढुलाई भारतीय रेलवे की रीढ़ बनी हुई है, जो इसके राजस्व में लगभग 65 प्रतिशत का योगदान देती है। कोयला, लौह अयस्क और सीमेंट माल ढुलाई, माल ढुलाई संचालन के माध्यम से राजस्व का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है।
पिछले 11 वर्षों में मालगाडिय़ों और यात्री गाडिय़ों की आवाजाही में वृद्धि हुई है, देश भर में 34,000 किलोमीटर से अधिक नई रेल पटरियां बिछाई गई हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के विकास के साथ मालगाडिय़ों की गति भी बढ़ गई है। जनवरी के दौरान मालगाड़ी परिचालन में डीएफसी ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया, जिसने भारत के लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन में एक नया मानक स्थापित किया।
मंत्रालय के अनुसार, 2025 के पहले महीने में डीएफसी पटरियों पर प्रतिदिन औसतन 391 ट्रेनें चलाई गईं। जबकि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) ने प्रतिदिन औसतन 209 ट्रेनें चलाईं, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) ने प्रतिदिन औसतन 182 ट्रेनें चलाईं। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि यह उपलब्धि निर्बाध और कुशल माल परिवहन के लिए डीएफसी पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाती है, जो औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में इसकी भूमिका को मजबूत करती है।
पूर्व मध्य रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे से 100 प्रतिशत माल यातायात को ईडीएफसी में डायवर्ट कर, फ्रेट कॉरिडोर ने आस-पास के क्षेत्रीय रेलवे को राहत प्रदान की और मार्गों पर महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों के सुचारू संचालन को सक्षम बनाया। महा-कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज मंडल को सहयोग देने में डीएफसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे यात्री और मालगाडिय़ों दोनों की सुचारू और कुशल आवाजाही सुनिश्चित हुई।
अधिक यात्री और मालगाडिय़ां चलाने की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे के लिए लोकोमोटिव उत्पादन में भी तेजी आई है। भारतीय रेलवे ने 2024-25 के दौरान जनवरी तक 1,346 लोकोमोटिव का निर्माण किया, जो 2023-24 के दौरान उत्पादित 1,235 लोकोमोटिव की तुलना में 9 प्रतिशत से अधिक रहा।
00

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More